EV को छोड़कर इन ऑप्शन्स को पसंद कर रहे लोग; सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा, माइलेज पर ज्यादा फोकस
ग्रांट थॉर्नटन इंडियन के एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है. इस सर्वे का शीर्षक है - ‘शिफ्टिंग गियर्स: अंडरस्टैंडिंग पैसेंजर व्हीकल मार्केट ट्रेंड्स’. इस सर्वे में लोगों से उनकी पसंद को लेकर बातचीत हुई है.
इंडियन ऑटो इंडस्ट्री में एक नए युग की शुरुआत हो रही है. ऑटो कंपनियों की ओर से लगातार नए-नए मॉडल्स को लॉन्च किया जा रहा है. इसमें हाइब्रिड कार, पेट्रोल कार और इलेक्ट्रिक व्हीकल कार शामिल हैं. इन नए मॉडल्स में लोगों के बीच जो सेगमेंट सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है, वो है पैसेंजर लग्जरी और टिकाऊ दोनों तरह के ऑप्शन शामिल हैं. एक सर्वे में ये बात कही गई है. ग्रांट थॉर्नटन इंडियन के एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है. इस सर्वे का शीर्षक है - ‘शिफ्टिंग गियर्स: अंडरस्टैंडिंग पैसेंजर व्हीकल मार्केट ट्रेंड्स’. इस सर्वे में लोगों से उनकी पसंद को लेकर बातचीत हुई है. कार बाजार के बीच लोगों को क्या पसंद आ रहा है और किस तरह की गाड़ियों को पसंद किया जा रहा है, इस पर सर्वे में फोकस किया गया है.
प्रीमियम मॉडल पर ज्यादा फोकस
इस सर्वे में जिन लोगों ने हिस्सेदारी ली हैं, उनमें 80 फीसदी का मानना है कि मौजूदा समय में प्रीमियम मॉडल उनकी पहली पसंद बन रही है. इसके अलावा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की तुलना में हाइब्रिड व्हीकल्स (Hybrid Vehicles) को प्राथमिकता दी जा रही है. इस सर्वे में कुल 3500 लोगों ने हिस्सा लिया था.
EV को पसंद करने वाले लोग कम
सर्वेक्षण के अनुसार, 40 प्रतिशत उत्तरदाता अब हाइब्रिड वाहनों को पसंद कर रहे हैं, जबकि केवल 17 प्रतिशत ईवी के पक्ष में हैं. इसके विपरीत 34 प्रतिशत अब भी पेट्रोल वाहनों की ओर झुकाव रखते हैं. हाइब्रिड वाहनों के साथ बढ़ते जुड़ाव से पता चलता है कि उपभोक्ता अधिक मजबूत ईवी बुनियादी ढांचे और प्रोत्साहनों के इंतजार में अब टिकाऊ विकल्पों की खोज कर रहे हैं.
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ऑटो कंपनियों को कंज्यूमर की प्राथमिकताओं पर देना होगा ध्यान
सर्वेक्षण के निष्कर्षों के मुताबिक हाइब्रिड वाहन वैकल्पिक प्रौद्योगिकी को अपनाने की दिशा में एक पुल की तरह काम कर रहे हैं और भविष्य में ईवी की स्वीकार्यता में तेजी की उम्मीद है. ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के भागीदार और वाहन तथा ईवी उद्योग के प्रमुख साकेत मेहरा ने कहा कि वाहन निर्माताओं को उपभोक्ता प्राथमिकताओं में बदलाव को ध्यान में रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि त्योहारी सत्र का वार्षिक बिक्री में लगभग 30-40 प्रतिशत योगदान होता है और यह भारतीय वाहन उद्योग के लिए खासतौर से महत्वपूर्ण है.
03:52 PM IST